۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
फ़रहाज़ाद

हौज़ा / हज़रत मासूमा (स.अ.) की दरगाह के खतीब ने कहा: ईश्वर ने मनुष्य को अनंत काल के लिए बनाया है और मनुष्य स्वयं इस छोटी सी दुनिया में अपने अनन्त जीवन का निर्माण करता है। इसलिए हमें इस छोटी सी दुनिया में पापों और अस्थायी सुखों के बजाय अल्लाह की इबादत करनी चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत फातिमा मासूमा (स.अ.) की दरगाह में हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फरहाज़ाद ने सलावत की नेमत का वर्णन किया और कहा: हज़रत इमाम जफ़र सादिक (स.अ.) का फ़रमान है َ«فَإِنَّهُ مَنْ صَلَّی عَلَی النَّبِیِّ صَلَاةً وَاحِدَةً صَلَّی اللّهُ عَلَیْهِ أَلْفَ صَلَاةٍ فِی أَلْفِ صَفٍّ مِنَ الْمَلَائِکَةِ» यदि कोई एक बार पैगंबर पर सलवात भेजता है तो अल्लाह तआला फ़रिश्तो की हज़ार पक्तियो मे हज़ार बार उस पर सलवात भेजता है।अतः जब कभी भी पैंगबर (स.अ.व.व.) का नाम लिया जाए तो उन पर अधिक मात्रा मे सलवात भेजना चाहिए।

उन्होने इमाम सज्जाद (अ.स.) की दुआ ए मकारेमुल अख़लाक़ के एक खंड की ओर इशारा करते हुए कहा: लापरवाही पापों का स्रोत है और केवल लापरवाह व्यक्ति ही पाप करता है। पाप के कारण मनुष्य ईश्वर को भूल जाता है। इसलिए मनुष्य के लिए यह आवश्यक है कि वह हर हाल में ईश्वर का स्मरण करे और ईश्वर के स्मरण से कभी भी बेखबर न हो।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फरहाजाद ने दुआ ए मकरेमुल अखलाक के एक अन्य हिस्से का जिक्र करते हुए कहा: हमें हमेशा दुआ करनी चाहिए कि ईश्वर इस दुनिया में उनकी इबादत और आज्ञाकारिता में हमारी मदद करें क्योंकि इस दुनिया की भलाई अल्लाह की इबादत में है।

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